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42 thoughts on “#khatu#shyam#khatuwalashyam#love#bhakti#khatudham#bhajan#shyam #trending #viral #love #shyam”

  1. ये है पाखंडी जनता इनको महाराज बोलती है। मूर्खों इनका शरीर भी टट्टी पेशाब मलमूत्र का बना है।ये हमारी तरह है हम लोग मानव प्रजाति के है। किसी को श्रेष्ठ मानकर क्यों गुलामी करते हो।तुम गुलाम क्यों बन रहो हो तुम खुद के भगवान खुद हो।जैसे भगवान बुद्ध ,महावीर संत कबीर
    भगवाअन।
    भूमि ,गगन (आकाश) ,वायु ,अग्नि, नीर
    मानव शरीर प्रकृति है। आकाश हमारा मन है। अनंत अखंड।आकाश की कोई आकृति नहीं उसे कोई नहीं बांध सकता। हमारे मन में भी कोई बंधन न हो कोई विषय वस्तु रिश्ते का बंधन।उसे ही बंधन मुक्ति, मोक्ष,निर्वाण केवल्य कहते है।जब बंधन होता है।तभी विकार (काम क्रोध मद लोभ) जब कोई इच्छा कामना होती है। तभी पुनर्जन्म होता है। धर्म का क्षेत्र मन से है।शरीर तो मलमूत्र का बना है। सनातन उपनिषदों,अद्वैत वेदांत व शून्यवाद का धर्म है।आचार्य प्रशांत को सुनो।बाकी जो भी चल रहा है धर्म को धंधा बना दिया।

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